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Wednesday, February 27, 2019

जिंदगी

क्या कहुं के मूझे भुल गया है बनाने वाला
मेरी बात तो बिगड़ती ही चली जाती ।
क्या कभी मोत के तेवर नहीं ईतने देखे
यह जिंदगी है के अकड़ती ही चली जाती ॥